भोजपत्र से वशीकरण
किसी को भी काबू में करे भोजपत्र से वशीकरण मंत्र टोटके यंत्र उपाय का प्रयोग करके| किसी व्यक्ति द्वारा स्त्री या पुरुष के वशीकरण के लिए अगर विभिन्न वैदिक या शाबर मंत्रों के जाप और टोने-टोटके उपयोगी होते हैं, तो विविध उपायों के अनुरूप बनाए गए यंत्र की पूजा से भी मनोवांछित परिणाम मिलते हैं। भोजपत्र पर मंत्र को लिखकर तैयार किए गए यंत्र से यह संभव है। शक्तिशाली मंत्रों के जाप के बगैर ही इसका प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। इन्हें भोजपत्र वशीकरण यंत्र कहला जाता है। वैसे यह एक तरह का तांत्रिक यंत्र है, जिसे साधना-सिद्धि के द्वारा मां कामाख्या या भैरव देव का ध्यानकर लाल स्याही से भोजपत्र पर तैयार किया जाता है। यानि कि तांत्रिक साधना और मंत्रों के द्वारा किए जाने वाले वैदिक अनुष्ठानों के अंतरगत लौंग, केश, सियार सिंगी, काली हल्दी, नमक व हल्दी, फोटो, तिलक आदि से वशीकरण की तरह ही भोजपत्र वशीकरण भी है।
क्या है भोजपत्र?
भोजपत्र का संबंध किसी पत्ते से नहीं, बल्कि भोज नमक 15-20 मीटर ऊंचे वृक्ष की छाल से है, जो सर्दियों में पतली परतों के रूप में निकलती हैं। यह गहरे रंग की होती है और लंबे समय तक खराब नहीं होतीं। इसमें रेजिनयुक्त तेल पाए जाने के कारण काफी मजबूत होती है तथा इसपर स्याही से कुछ भी लिखा या रेखांकन बनाया जा सकता है। इसकी प्राप्ति हिमालय की घाटियों में होती है। उत्तराखंड के भोजवासा में इस तरह के वृक्ष 5.5 हेक्टेयर के दायरे में फैले हैं और इसे संरक्षण दिया गया है। इसका उपयोग यदि दवाइयों के बनाने में किया जाता है, तो इसके साथ टोने, टोटके और पूजा-पाठ में भी काम आने वाली विशिष्ट वस्तु के रूप में महत्ता बनी हुई है।
आस्था, मान्यता और विश्वासः एक मान्यता के अनुसार भोजपत्र की टहनियों की धूप से भूत-प्रेत, जिन्न आदि भाग जाते हैं। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को ढीले-ढाले वस्त्रों में बिठाकर मंत्रोच्चारण के साथ उसके सामने भोजपत्र का धूप इस तरह से जलाया जाता है ताकि उसका धुंआ पूरे शरीर को प्रभावित करे। इसके अतिरिक्त धार्मिक आस्था के अनुसार भोजपत्र पर देवी लक्ष्मी, भौरवी, काली, कामाख्या, मोहिनी आदि के वशीकरण या सम्मोहन के मंत्र लिखकर सिद्ध करने व उसे धारण करने से वांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी तरह से भोजपत्र की जड़ के साथ अनार, श्वेतार्क और गुंजा की जड़ को कूट-पीसकर गोरोचन के साथ तिलक करने से सशक्त वशीकरण की प्राप्ति होती है। यह प्रयोग दुश्मन को हराने के लिए पर्याप्त है।
धार्मिक व तंत्र-मंत्र साधान की मान्यता और इसबारे में सदियों से चले आ रहे घोर विश्वास के अनुसार इसके कई लाभ मिलते हैं। जैसे यह अगर बुरी नजरों से बचाता है तो आकर्षण या सम्मोहन को भी बढ़ाता है। पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे के प्रवेश को रोकने के अतिरिक्त आपसी प्रेम-संबंध को भी प्रगाढ़ बना देता है। यह कहें कि भोजपत्र वशीकरण से पति-पत्नी में से किसी एक के भटक जाने की स्थिति में संबंधों को मधुर बनाया जा सकता है। प्रेमियों के लिए भी इसका प्रयोग लाभ देने वाला होता है।
प्रत्येक का वशीकरणः भोजपत्र पर ऊँ नमः सर्व लोक वशं कराय कुरु कुरु स्वाहा! लिखने के बाद पुष्य नक्षत्र में एक लाख बार जाप करने से किसी का भी वशीकरण किया जा सकता है। इस भोजपत्र को अपने पर्स रखा जाता है या फिर हाथ में बांध लिया जाता है।
भोजपत्र से प्रेमिका या पत्नी का वशीकरणः जिसे दिल से प्यार किया जाए या जिसपर अपना अधिकार समझा जाए उस स्त्री या प्रेमिका को वशीकरण करने के लिए भोजपत्र पर ऊँ नमः कामाख्या देवी अमुकं मे वशं करी स्वाहा!! मंत्र लिखा जाता है। यहां अमुकं शब्द के स्थान पर वशीभूत किए जाने वाले का नाम लिखा और उच्चारित किया जाता है। रविवार की रात्री में कामाख्या देवी का स्मरण करते हुए इसे सवा लाख बार जाप किया जाता है, जिससे इसकी सिद्धि हो जाती है। इस तरह से बना यंत्र स्त्री या मनोवांछित प्रेमिका को आकर्षित करने के लिए उपयोगी साबित होता है।
पति का वशीकरणः पति-पत्नी के बीच प्यार की मधुरता कम हो जाए या फिर पति के पर-स्त्री गमन की आशंका बन जाए, तो एक मंत्र के प्रयोग से उसे वश में लाकर दूसरी औरत के पीछे भटकने या भागने से रोका जा सकता है। यदि मंत्र को भोजपत्र या हाथ के बने कागज पर ऊँ नमः अदि पुरुषाय अमुकं कुरु कुरु स्वाहा!! को कोई स्त्री अपनी अनामिका के खून से लिखे, और उसे शहद में डूबोकर रखे तो पति हमेशा वश में बना रहता है। यह एक तरह का चमत्कारी प्रयोग है, जिसके मंत्र मंे अमुकं शब्द की जगह पति या जीवनसाथी का नाम लिखा और लिया जाना चाहिए। मंत्र लिखने के बाद इसे 108 बार जाप करना भी आवश्यक है।
भोजपत्र से शत्रु पर अंकुशः कई बार शत्रु की गतिविधियां काफी तीव्र हो जाती है और उस वजह से अनावश्यक परेशानी बढ़ जाती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए भोजपत्र के टुकड़े के साथ किया गया टोटका उपयोगी साबित हो सकता है। इसके लिए भोजपत्र पर लाल चंदन से उस शत्रु का नाम लिखें जिसकी वजह से आपकी परेशानी बढ़ी हो। वह भोजपत्र शहद की चैड़े मुंहवाली शीशी में तबतक डूबी रहे जबतक कि वह शत्रु आपके वश मं न आ जाए, यानि कि आपके विरूद्ध उसकी नुकसानदायक हरकतें बंद न हो जाए।
दिल में जगहः यदि आप किसी के दिल में अपनी जगह बनाना चाहते हैं या कहें आपको लगता है कि कोई आपकी भावना को नहीं समझ पा रहा है और आपकी उपक्षा कर रहा है, तो इसके लिए भी भोजपत्र के सहयोग से किया जाने वाला एक सरल उपाय है। भगवान श्रीकृष्ण का नाम लेकर भोजपत्र के एक वर्गाकार या आयताकार टुकड़े पर उस व्यक्ति का नाम लिख दें जिसका लगाव, प्रेम या राग-अनुराग अपने प्रति पाना चाहते हैं। उस टुकड़े को शहद की शीशी में डुबोकर रख दें। जब कभी उसके पास से गुजरें या उसपर नजर चली जाए तब शीशी को दाहिने हाथ से प्यार भरा स्पर्श दें। यह प्रयोग प्रेम-भाव बढ़ाने वाला साबित होगा।
भोजपत्र के यंत्रः भोजपत्र के वर्गाकार या आयताकार टुकड़े पर बनाया गया यंत्र विशेषकर दो तरह के होते हैं। एक में विविध समस्याओं के उपाय वाले कुछ शब्दों के विशेष मंत्र होते हैं, जबकि दूसरे प्रकार में तीन के गुणक में नौ या 4 के गुणक में बने 12 छोटे वर्गों में लिखे हुअे अंक होते हैं। ये अंक या संख्या इस तरह से लिखे होते हैं इन्हें लंबवत, क्षैतिज या विकर्ण की रेखा में जोड़ने पर हमेश एक समान संख्या बनाते हैं। भोजपत्र पर सर्व-सुख निवारण यंत्र कुछ इस तरह का होता हैः-
8 | 15 | 2 | 7 |
6 | 3 | 12 | 11 |
14 | 9 | 8 | 1 |
4 | 5 | 10 | 13 |
यह यंत्र सुख-समृद्धि बढ़ाने और तरक्की के मार्ग आई बाधाओं को दूर करने वाला है।
किसी को भी काबू में करे भोजपत्र से वशीकरण मंत्र टोटके यंत्र उपाय का प्रयोग करके किसी भी पुरुष स्त्री को अपने वश में करे | यदि किसी को भी अपना बनाना चाहते तो भोजपत्र वशीकरण मंत्र यन्त्र टोने टोटके का उपयोग कर ऐसा कर सकते है | कोई भी पर्सन हमसे संपर्क कर इसका प्रयोग कर अपना वर्क सिद्ध कर सकते है |